COVID-19:भारत में हुई मौतों में 83% को डायबिटीज-हाइपरटेंशन या हृदय रोग, 75% की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा
COVID-19:भारत में हुई मौतों में 83% को डायबिटीज-हाइपरटेंशन या हृदय रोग, 75% की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा
नई दिल्ली- भारत में कोविड-19 की वजह से जितने लोगों की मौत हुई है, उसका एक नया विश्लेषण सामने आया है। इसके मुताबिक जितने लोगों ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से दम तोड़ा है, उनमें से अधिकांश लोग डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मरीज थे। अलबत्ता ये बात भी सही है कि जितने लोगों ने इस बीमारी की वजह से दम तोड़ा है, उनमें से 75 फीसदी लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के थे। वैसे आपको बता दें कि देश में कोविड-19 से पीड़ित 45 दिन के एक बच्चे की भी मौत हो चुकी है, जो भारत में इस बीमारी से होने वाली सबसे कम उम्र में हुई मौत है।
मृतकों में ज्यादातर को पहले से ही गंभीर रोग
अभी तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित करीब 3.3 फीसदी लोगों की मौत हुई है। इनमें से 75 फीसदी लोगों की उम्र 60 फीसदी से ज्यादा थी। जबकि, 83 फीसदी लोग पहले से ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 से अपने देश में जितने लोगों की मौत हुई है, उनमें 42.2 फीसदी लोगों की उम्र 75 साल से ज्यादा की थी और 33.1 फीसदी लोग 60 से 75 आयुवर्ग के बीच के थे। वहीं, 10.3 फीसदी 45 से 60 और 14.4 फीसद लोग 45 साल से भी कम के थे। बता दें कि रविवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से संक्रिमित कुल 15,712 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 507 लोगों की मौत हो चुकी है।
रोजाना होने वाली स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को बताया था कि तमिलनाडु में 84 फीसदी, दिल्ली में 63 फीसदी, तेलंगाना में 79 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 59 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 61 फीसदी, असम में 91 फीसदी और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 83 फीसदी मामले अकेले दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के मरकज से जुड़े हुए हैं। यही नहीं पिछले 14 दिनों देश के जिन तीन जिलों में कोविड-19 के एक भी मामले नहीं आए थे, उनमें भी ऐसे केस सामने आए हैं, जिनमें बिहार से पटना, पश्चिम बंगाल से नादिया और हरियाणा से पानीपत जिले शामिल हैं।
22 जिलों से आई है अच्छी खबर
राहत की बात ये है कि देश के 12 राज्यों के 22 नए जिलों में पिछले 14 दिनों में कोविड-19 का एक भी केस दर्ज नहीं किया गया। इनमें बिहार के लखीसराय, गोपालगंज और भागलपुर, राजस्थान के धौलपुर और उदयपुर, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, मणिपुर के थॉबल, कर्नाटक के चित्रदूर्ग, पंजाब के होशियारपुर, हरियाणा के रोहतक और चरखी दादरी, अरुणाचल प्रदेश के लोहित, ओडिशा के भद्रक और पुरी, असम के करीमगंज, गोलघाट, कामरूप ग्रामीण, नलबाड़ी और दक्षिण सलमारा, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी और कलिमपॉन्ग और आंध्र प्रदेश के विसाखापट्टनम जिले शामिल हैं। वहीं कर्नाटक कोडागु में पिछले 28 दिनों में एक भी केस नहीं आया है।
रेमडेसिविर से है उम्मीद
इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में एपिडेमियोलॉजी एंड इंफेक्सियस डिजिजेज के चीफ डॉक्टर रमण गंगाखेडकर ने दुनिया भर के कई देशों में रेमडेसिविर नाम की दवा पर चल रहे प्रयोगों को लेकर काफी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि यदि रेमडेसिविर पर ट्रायल सफल रहता है तो इस महामारी को देखते हुए उसे यहां भी उपलब्ध करवाने का विकल्प है। बता दें कि इस एंटी-वायरल को शुरू में इबोला के इलाज के लिए विकसित किया गया था। और हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें एक अमेरिकी डॉक्टर ने हफ्ते दिन से भी कम वक्त में इससे मरीजों को ठीक हो जाने का दावा किया था।
मोहम्मद हम्माद/दरभंगा B NEWS
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