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कोरोना की आड़ में सीएए प्रदर्शनकारियों को ठिकाने लगा रहे हैं अमित शाह

कोरोना की आड़ में सीएए प्रदर्शनकारियों को ठिकाने लगा रहे हैं अमित शाह

पैगाम ब्यूरोः पूरा देश कोरोना के खिलाफ युद्ध में लगा है. देश भर की पुलिस लॉकडाउन को सख्ती से लागू करवाने में लगी हुई है, लेकिन दिल्ली पुलिस कुछ और मिशन में लगी हुई है. लॉकडाउन के बीच दिल्ली पुलिस के जरिये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को चुन-चुन कर ठिकाने लगा रहे हैं.

जब लोग कोरोना के डर से घरों में दुबके पड़े हैं. दिल्ली पुलिस अमित शाह के निर्देश पर सीएए प्रदर्शनारियों के खिलाफ एफआईआर दाखिल करने में व्यस्त है. उन पर दिल्ली में दंगे भड़काने का आरोप लगा कर UAPA लगाया जा रहा है. धड़ाधड़ गिरफ्तारियां हो रही हैं. पूरी दुनिया और मीडिया कोरोना में व्यस्त है. किसी का भी ध्यान दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की तरफ नहीं जा रहा है या फिर जानबुझ कर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
जिन लोगों ने सीएए प्रदर्शनकारियों पर खुलेआम गोली चलायी. उनमें से किसी के भी खिलाफ यूएपीए नहीं लगाया गया. खुलेआम लोगों को दंगे के लिए भड़काने वाले कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. दंगे करने के लिए जो यूपी से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भर-भरकर गुंडे दिल्ली लाये, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

कार्रवाई सिर्फ सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हो रही है. उनपर नये-नये मुकदमे दर्ज हो रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. सबकुछ बेहद चुपचाप तरीके से किया जा रहा है. बड़ी खामोशी से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को निपटाया जा रहा है.
उमर खालिद, खालिद सैफी, जामिया के छात्र मीरान हैदर, सफूरा जरगर जैसों को दंगों का मास्टरमाइंट के तौर पर पेश किया जा रहा है. इन सबके खिलाफ UAPA लगाया गया है. गर्भवती सफूरा जरगर को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में डाल दिया गया है. खालिद सैफी भी जेल में डाल दिये गये हैं. जामिया मिल्‍लिया इस्‍लामिया के पूर्व छात्र संघ अध्‍यक्ष शिफा-उर-रहमान को भी दिल्‍ली दंगे के लिए जिम्मेदार बता कर यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है.

अमित शाह और दिल्ली पुलिस की इस खेल का दायरा सिर्फ जामिया के छात्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जामिया एक्शन कमेटी, पिंजरा तोड़, AISA जैसे छात्र संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है. ज्यादातर के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
 
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